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Saturday, 8 September 2018

स्वयं अब जागकर हमको

स्वयं अब जागकर हमको । जगाना देश है अपना ।

स्वयं अब जागकर हमको । जगाना देश है अपना ।।

 हमारे देश की मिट्टी , हमें प्राणों से प्यारी है ,
यही के अन्न जल वायु , परम श्रद्धा हमारी है ।
स्वभाषा है हमें प्यारी , हो प्यारा देश है अपना ।|
जगाना देश है अपना........


नही हे अब समय कोई , गहन निद्रा में सोने का ।
समय है एक होने का , न मतभेदों में खोने का ।
बढ़े बल राष्ट्र का जिससे , वो करना मेल है अपना ।
जगाना देश है अपना........


 जतन हो संगठित हिन्दु , सक्रिय भाव भरने का ।
जगाने राष्ट्र की भक्ति , उत्तम कार्य करने का ।
सम उन्नत राष्ट्र हो भारत , यही उद्देश्य है अपना ।
जगाना देश है अपना.......

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