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Friday, 7 September 2018

सुभाषित .


सवदेशे  कष्टमापने ,उदासीनास्तु  ये नराः | 
नैव च प्रतिकुवृन्ति ,ते नराःशत्रुननदनाः || 

अथार्त --जब देश संकट में पड़ा हो ,तब जो लोग उदासीन भाव से दूर खड़े देखते है और पर्तिकार का कोई प्रयत्न नहीं करते ,वे शत्रुओ को ही आनंद देने वाले होते है | यानि उनको देखके शत्रु को बड़ी प्रसन्ता होती है | 

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