परोपकाराय फलन्ति वृक्षः ,
परोपकाराय वहन्ति नध:|
परोपकाराय दुहन्ति गाव:,
परोपकारार्थम्मिद्म् शरीरं ||
आथर्त ---दुसरो की भलाई के लिए वृक्ष फल देते हैं | | दूसरों को जल देने के लिए नदियां बहती है | गाय भी दूसरों के लिए दूध देती है | भगवन ने हमें जो शरीर दिया है यह भी परोपकार करने के लिए दिया है | हमें अपने शरीर को समाज कलयाण में लगाना चाहिए |
परोपकाराय वहन्ति नध:|
परोपकाराय दुहन्ति गाव:,
परोपकारार्थम्मिद्म् शरीरं ||
आथर्त ---दुसरो की भलाई के लिए वृक्ष फल देते हैं | | दूसरों को जल देने के लिए नदियां बहती है | गाय भी दूसरों के लिए दूध देती है | भगवन ने हमें जो शरीर दिया है यह भी परोपकार करने के लिए दिया है | हमें अपने शरीर को समाज कलयाण में लगाना चाहिए |
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